ध्यानम के साथ भारत के हिंदू तीर्थस्थलों और प्रसिद्ध मंदिरों में वैदिक अनुष्ठानों के अनुसार अपनी पूजा करें
- धन-धान्य में वृद्धि, नोकरी एवं व्यापार में लाभ
- कर्ज़ से मुक्ति एवं खर्च से बचाव
- दोष एवं ज्योतिष उपाय पूजा
- यज्ञ, हवन और मंत्र जाप

ध्यानम आगामी पूजाएँ।
पूरे भारत में 500 से अधिक मंदिरों में ध्यानम के साथ ऑनलाइन पूजा बुक करें। प्रसाद के साथ पूजा का वीडियो प्राप्त करें और अपने और अपने परिवार की समृद्धि और खुशहाली के लिए भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करें।

गणेश चतुर्थी विशेष रिद्धि सिद्धि दायक गणेश आवाहन पूजा

भाद्रपद शुक्ल अष्टमी विशेष ऋण मुक्ति गणेश होमात्मक महापूजा एवं गणपति महाअभिषेक

पिठोरी अमावस्या विशेष नारायण बलि, नाग बलि एवं त्रिपिंडी श्राद्ध महापूजा

भाद्रपद कृष्ण अमावस्या विशेष राहु-गुरु चांडाल दोष शांति यज्ञ

भाद्रपद कृष्ण अमावस्या विशेष पितृ शांति महापूजा

अमावस्या विशेष कालसर्प दोष निवारण महापूजा एवं शिव महाअभिषेक
मंगवाए प्रसिद्ध मंदिरों से अभिमंत्रित पोटली
ध्यानम ऑनलाइन पूजा कैसे काम करती है?
1. अपने लिए पूजा सेवा का चयन करें
2. पूजा पंजीकरण के पश्चात, नाम और गोत्र दर्ज करें
3. पूजा संपन्न होने के बाद वीडियो का लिंक वॉट्स्ऐप पर भेजा जायेगा
4. आपको महाप्रसाद आपके दिए गए पते पर डिलीवर करवा दिया जाएगा।

ध्यानम भक्तो ने कहा



बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या आप ध्यानम पूजा सेवा पर भरोसा कर सकते है?
ध्यानम आपके फ़ोन में आपका अपना मंदिर है। हमारा प्रयास है कि हम भारतवर्ष के लोगों की धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन शैली को सुलभ बना सकें और पूरे विश्व को विश्वगुरु भारत की महान संस्कृति व विरासत का ज्ञान दे सके। श्री मंदिर पर मंदिर दर्शन, पूजा बुकिंग और अन्य सुविधाएं उपलब्ध है।
क्या आपको ऑनलाइन पूजा का लाभ मिलता है?
ऑनलाइन पूजा का लाभ निश्चित तौर पर मिलता है। किसी भी पूजा में सबसे अधिक महत्व नाम और गोत्र का होता है। आप पूरे विश्व में कहीं भी रहने पर आपकी पहचान आपके नाम और गोत्र से होती है, तो पूजा किसके नाम से आयोजित हो रही है यह निर्धारित करता है कि पूजा का फल किसे मिलेगा।कोई भी समस्या, बीमारी या दोष हो सभी पूजाओं को नाम और गोत्र से ही संपन्न किया जा सकता है। ऐसे में किसी भी तीर्थ स्थान या मंदिर में आपके नाम और गोत्र के उच्चारण से पूजा का फल आपको प्राप्त होता है।
मुझे अपना गोत्र पता नहीं है, क्या उपाय है?
यदि आपको अपना गोत्र पता नहीं है तो इस स्थिति मैं आप अपना गोत्र कश्यप मान सकते हैं क्योंकि कश्यप ऋषि एक ऐसे ऋषि थे जिनकी संतान हर जाति में पाई जाती हैं और इसी कारण वे श्रेष्ट ऋषि माने जाते हैं। इन विवरणों का पंडित जी द्वारा पूजा के दौरान जाप किया जाएगा।